Golu Devta Temple: यहां घंटियों के साथ चिट्ठी भेजने से हो जाती है मुराद पूरी - गोलू देवता मंदिर

देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में गोलू देवता भक्तों की अर्जियों को कभी बर्बाद नहीं होने देते। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त अपने कष्ट और मनौतियों को लिखकर मंदिर के देवता को देते हैं और उनकी ये मनौतियां और कष्ट दूर भी होते हैं। अल्मोड़ा में कई सिद्ध मंदिर हैं। इनमें से गोलू देवता के मंदिर का अपना अलग ही महत्व और मान्यता है।



अल्मोड़ा के पास चित्तई में स्थित गोलू देवता क्षेत्रीय देवता हैं, लेकिन उनकी मान्यता और प्रसिद्धि देश भर में व्याप्त है। देवता के दर्शन के लिए यहां रोज ही भक्तों की भीड़ लगती है। वहीं पर्यटक भी यहां दर्शन और अपनी मुरादों को पूरा कराने के लिए यहां जरूर आते हैं। गोलू देवता को इंसाफ का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि उनके द्वार से कभी कोई खाली नहीं जाता।



वह सबकी झोलियां भरते हैं। यहां आने वाले भक्तों को अपनी बात या कष्ट पर्ची पर लिख कर देवता के सामने चढ़ानी होती है। अपनी मुरादें पूरी

वह सबकी झोलियां भरते हैं। यहां आने वाले भक्तों को अपनी बात या कष्ट पर्ची पर लिख कर देवता के सामने चढ़ानी होती है। अपनी मुरादें पूरी कराने के लिए यहां घंटियां बांधने का रिवाज है। लोग अपनी आवाज देवता तक पहुंचाने के लिए अर्जी के साथ ये घंटी बांध जाते हैं।

यही कारण है कि मंदिर में हजारों की संख्या में घंटिया बंधी नजर आती हैं। मुराद पूरी होने पर भी भक्तों को गोलू देवता के मंदिर में आना होता है। इस मंदिर में भक्तों द्वारा जो घंटियाँ चढ़ाई जाती है उन्हें बेचा नहीं जाता ना ही उनका उपयोग कहीं और किया जाता है। ये सभी घंटियाँ मंदिर के प्रांगण में ही बंधी हुई हैं। इसीलिए इस मंदिर में घंटियों का ढेर लगा हुआ है और इस मंदिर को घंटियों वाला मंदिर भी कहते हैं। मान्यता है कि यहां मुराद पूरी होने पर भगवान को भेंट और प्रसाद चढ़ाया जाता है।

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