गोल्जू देवता मंदिर (घोडाखाल) | न्याय के देवता - Golju Temple Ghorakhal

स्थानीय लोगो के अनुसार “गोल्जू देवता को ” घोड़ाखाल मंदिर में स्थापित करने का श्रेय महरागांव की एक महिला को माना जाता है। यह महिला वर्षो पूर्व अपने परिजनों द्वारा सतायी जाती थी । उसने चम्पावत अपने मायके जाकर गोलज्यू देवता से न्याय हेतु साथ चलने की प्रार्थना की।

इसी कारण गोलज्यू देवता उस महिला के साथ घोडाखाल मंदिर में विराजे |



घोराखाल मंदिर की विशेषताए यह है कि श्रद्धालु यहां पर अपनी अपनी मन्नतें कागजों , पत्रों में लिखकर मंदिर में एक स्थान पर टांगते हैं |

और माना जाता है कि गोलू देवता उन मन्नतों पर अपना न्याय देकर भक्तों की पुकार सुनते हैं |

उनकी मन्नतो को पूरा करते है |

और मन्नतें पूरी होने पर लोग न्यायी देवता के मंदिर में भेट स्वरुप “घंटीयां” चढ़ाते हैं |

यहाँ एक ऐसी मान्यता भी है | यदि कोई नव विवाहित जोड़ा इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है | तो उनका रिश्ता सात जन्मो तक बना रहता है |

उत्तराखंड के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में घोड़ाखाल मंदिर स्थित गोलू देवता के मंदिर में केवल चिट्ठी भेजने से ही मुराद पूरी हो जाती है।

इतना ही नहीं गोलू देवता लोगों को तुरंत न्याय दिलाने के लिए भी प्रसिद्ध हैं |

घोडाखाल मंदिर की विशेषताये और मान्यताये  Ghorakhal Temple Features and Values
स्थानीय लोगो के अनुसार “गोल्जू देवता को ” घोड़ाखाल मंदिर में स्थापित करने का श्रेय महरागांव की एक महिला को माना जाता है। यह महिला वर्षो पूर्व अपने परिजनों द्वारा सतायी जाती थी । उसने चम्पावत अपने मायके जाकर गोलज्यू देवता से न्याय हेतु साथ चलने की प्रार्थना की।

इसी कारण गोलज्यू देवता उस महिला के साथ घोडाखाल मंदिर में विराजे |

घोराखाल मंदिर की विशेषताए यह है कि श्रद्धालु यहां पर अपनी अपनी मन्नतें कागजों , पत्रों में लिखकर मंदिर में एक स्थान पर टांगते हैं |

और माना जाता है कि गोलू देवता उन मन्नतों पर अपना न्याय देकर भक्तों की पुकार सुनते हैं |

उनकी मन्नतो को पूरा करते है |

और मन्नतें पूरी होने पर लोग न्यायी देवता के मंदिर में भेट स्वरुप “घंटीयां” चढ़ाते हैं |

यहाँ एक ऐसी मान्यता भी है | यदि कोई नव विवाहित जोड़ा इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है | तो उनका रिश्ता सात जन्मो तक बना रहता है |

उत्तराखंड के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में घोड़ाखाल मंदिर स्थित गोलू देवता के मंदिर में केवल चिट्ठी भेजने से ही मुराद पूरी हो जाती है।

इतना ही नहीं गोलू देवता लोगों को तुरंत न्याय दिलाने के लिए भी प्रसिद्ध हैं |

घोडाखाल मंदिर की विशेषताये और मान्यताये  Ghorakhal Temple Features and Values
स्थानीय लोगो के अनुसार “गोल्जू देवता को ” घोड़ाखाल मंदिर में स्थापित करने का श्रेय महरागांव की एक महिला को माना जाता है। यह महिला वर्षो पूर्व अपने परिजनों द्वारा सतायी जाती थी । उसने चम्पावत अपने मायके जाकर गोलज्यू देवता से न्याय हेतु साथ चलने की प्रार्थना की।

इसी कारण गोलज्यू देवता उस महिला के साथ घोडाखाल मंदिर में विराजे |

घोराखाल मंदिर की विशेषताए यह है कि श्रद्धालु यहां पर अपनी अपनी मन्नतें कागजों , पत्रों में लिखकर मंदिर में एक स्थान पर टांगते हैं |

और माना जाता है कि गोलू देवता उन मन्नतों पर अपना न्याय देकर भक्तों की पुकार सुनते हैं |

उनकी मन्नतो को पूरा करते है |

और मन्नतें पूरी होने पर लोग न्यायी देवता के मंदिर में भेट स्वरुप “घंटीयां” चढ़ाते हैं |

यहाँ एक ऐसी मान्यता भी है | यदि कोई नव विवाहित जोड़ा इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है | तो उनका रिश्ता सात जन्मो तक बना रहता है |

उत्तराखंड के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में घोड़ाखाल मंदिर स्थित गोलू देवता के मंदिर में केवल चिट्ठी भेजने से ही मुराद पूरी हो जाती है।

इतना ही नहीं गोलू देवता लोगों को तुरंत न्याय दिलाने के लिए भी प्रसिद्ध हैं |




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