Golu Devta Ki Kahani - Nyay Ke Devta (God of Justice) Almora

जय हो दुदाधारी कृष्ण अवतारी न्यायदेवता की
दयावान तपवान नंगा कौ सिर ढक्छा झुका के।
पेट भरछा, निधनी कैं धन, पुत्र दिछा अपुत्री कैं॥
इंसापी देव छा दुदी में को बाल छाटछा।

जय हो महाराजन के राजा ग्वेल देवता की! देवभूमि उत्तराखंड में न्याय का सुशासन स्थापित करने के लिए ! आम जनता और गरीबों के हमदर्द बनकर उनके कष्ट निवारण के लिए ! 'कुमांऊनी' ग्रुप और उत्तराखंड के उन सभी मित्रों का हृदय से आभारी हूं कि जिन्होंने मेरी न्यायदेवता की पिछली पोस्टों का संज्ञान लिया,उसे भारी हजारों की संख्या में लाइक किया और न्याय देवता के प्रति आस्थापूर्ण वचनों को लिख कर मेरा सदा ही उत्साहवर्धन भी किया।



उत्तराखंड को गर्व है अपने इष्टदेव न्याय देवता ग्वेल,गोरिल या गोलू देवता पर जिसने विश्व को एक ऐसा न्यायप्रदाता राजा दिया, जिसको उसके जीवन काल में ही पूजा जाने लगा था। वस्तुतः,मध्यकाल के उस घोर सामंतवादी शासन प्रणाली में गरीबों के लिए न्याय मिलना कितना कठिन और दुर्लभ रहा होगा इसका अनुमान हम आज के इस लोकतान्त्रिक युग की खस्ताहाल न्याय व्यवस्था से भी लगा सकते हैं।जनता को धर्म, जाति और सम्प्रदाय में बांटने वाले इस लोकशाही के युग में स्वयं को जनता का सेवक बताने वाले आज के घमंडी राजनेताओं का चरित्र कितना गिर गया है, कि सत्ता के मद में दुःखी जनता के पास जाकर उनकी समस्या सुनने से भी यहां के नेताओं को परहेज है, वहीं न्याय देवता हे ग्वेलज्यू आपने मध्यकाल के उस घनघोर सामन्तशाही के युग में भी अपने मंत्रिमंडल के साथ लोगों के पास जाकर उनकी पीड़ाएं और समस्याएं सुनी,उनके दुःख दर्दों का निवारण किया। त्वरित न्याय पाने के लिए लोक अदालतों की स्थापना की। जागर कथाओं में आपके परम भक्त मैंने अपने पितृतुल्य चाचा खिमानन्द जी के मुख से सुना है कि हे गोरिया! आपने सम्पूर्ण कुमाऊं क्षेत्र को आतताइयों से मुक्त करके एक शासनसूत्र में बांधने का महान प्रयास किया था।आपका उद्देश्य उस समय अन्यायी राजाओं से मुक्ति दिला कर सम्पूर्ण पर्वतीय क्षेत्रों को खुशहाल,समृद्ध और न्यायपूर्ण शासन देना था।आप सही मायने में लोकतांत्रिक मूल्यों के संस्थापक देव थे। आपने अपने समय में जनता के साथ अन्याय और अत्याचार करने वाले दबंग बाहुबलियों और धनबलियों को पराजित करते हुए अपने राज्य में निर्भयता और खुशहाली का सुशासन दिया।साथ ही पड़ौसी राज्यों में जाकर भी आतताइयों के उत्पीड़न से जनता को मुक्ति दिलाई।हे अत्यंत वीर,पराक्रमी,दयालु,प्रतिभाशाली और कुशल राजनीतिज्ञ गोरिल! आपके पास हरूवा और कलुवा जैसे महापराक्रमी दीवान योद्धा थे,जिन्हें आपके भाई कहा गया है।आज उत्तराखंड के नेताओं को अपने इष्टदेव न्याय देवता ग्वेल से प्रेरणा लेने की जरूरत है ताकि इस देवभूमि को खुशहाल और समृद्ध बनाया जा सके और यहां सही मायने में प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जा सके। लोग यहां से पलायन करके भाग रहे हैं,उनके कष्टों का निवारण किया जा सके।

हे न्यायदेवता !आप धन्य हैं! आप आज भी अदृश्य रहकर साक्षात रूप से दीन-दुखियों के दुख दूर करके उनको नया जीवन देते हैं। अपने दरबार में हर फरियादी की फरियाद को सुनते हैं। अपनी क्षमता और अपार शक्तियों के बल पर आज न्याय देवता ग्वेल ज्यू को उत्तराखंड में ही नहीं वरन पूरे देश के लोग जानने लगे हैं। विभिन्न प्रान्तों में इनका स्वरूप व्यापा हुआ है। जम्मू से रियासी में यही ग्वेल देवता गाढ़ीदेव के नाम से जाने जाते हैं। हिमाचल में भैरो तो राजस्थान में गोरखनाथ और बिहार मे गोगा देवता के रूप में पूजनीय हैं। कुमाऊं अंचल में यहां के बोलन्ता इष्टदेव के रूप में आपका घर घर में वास है। यहां के ग्वेल देवता के मंदिरों में बाहर के लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष गोलू देवता के दर्शन करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। भौतिक और दैविक कष्टों के साथ ही उनके अन्याय पीड़ित होने पर देवता के दरबार में न्याय पाने की आशा भी बढ़ जाती है। धन्य हो न्याय देवता तुम्हारी! आप हमारे भी इष्टदेव हो। कठिन परिस्थितियों में सहायता करते हो। उत्तराखंड के द्वाराहाट स्थित ग्राम जोयूं के निवासी मोहन चंद तिवारी का यह परिवार अनेक पुश्तों से आपके संरक्षण में अपना जीवन यापन करता आया है। आपकी सदा जय हो! न्यायदेवता महाराजन के राजा! दूदाधारी! कृष्ण अवतारी!न्याय के अधिष्ठाता देव! मेरे इष्टदेवता और मुकोटी देवता ग्वेलज्यू!! सदा अपनी दया और कृपा मुझ अकिंचन पर बनाए रखना! गलतियों और अनजाने में हुए अपराधों को क्षमा कर देना!आपकी अहेतुकी कृपा का सदैव आकांक्षी हूं!

“हे गोरिया महाराजन के राजा नाम लिनीं तुमारौ।
दुदाधारी कृष्ण अवतारी नाम छौ तुमारौ॥
दयावान तपवान नंगा कौ सिर ढक्छा झुका के।
पेट भरछा, निधनी कैं धन, पुत्र दिछा अपुत्री कैं॥
इंसापी देव छा दुदी में को बाल छाटछा।
तब महाराजन के राजा नाम लिनीं तुमारौ॥”

मोहन चंद तिवारी 💐💐💐

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